वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />३० जुलाई, २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />मनु ताराजी चितु तुलातेरी सेव सराफु कमावा II<br />~ नितनेम (शबद हजारे)<br /><br />प्रसंग:<br />मन को तराजू और चित को तुला क्यों कहाँ गया हैं?<br />सहज व्यापार क्या होता है?<br />चतुर व्यापारी बाँटता ही जाता है,और बाँटने हेतु पाता है गुरु नानक ऐसा क्यों कह रहें है?<br />सेवा का असली अर्थ क्या है?<br />सुमिरन माने क्या?<br />संत कबीर भी व्यापार पर क्यों जोर दे रहे है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते